20 Ways to Succeed at लघुरुद्राभिषेक || Laghu-Rudrabhishek
|| लघुरुद्राभिषेक || Laghu-Rudrabhishek
ॐ नमः शिवाय

ॐ सर्वदेवेभ्यो नम :

ॐ सर्वदेवेभ्यो नम :
ॐ नमो भवाय शर्वाय रुद्राय वरदाय च।
पशुनां पतये नित्यं उग्राय च कपर्दिने॥1॥
महादेवाय भीमाय त्र्यंबकाय शिवाय च।
इशानाय मखन्घाय नमस्ते मखघाति ने॥2॥
कुमार गुरवे नित्यं नील ग्रीवाय वेधसे।
पिनाकिने हविष्याय सत्याय विभवे सदा।
विलोहिताय धूम्राय व्याधिने नपराजिते॥3॥
नित्यं नील शीखंडाय शूलिने दिव्य चक्षुषे।
हन्त्रे गोप्त्रे त्रिनेत्राय व्याधाय च सुरेतसे॥4॥
अचिंत्यायाम्बिकाभर्त्रे सर्व देवस्तुताय च।
वृषभध्वजाय मुंडाय जटिने ब्रह्मचारिणे॥5॥
तप्यमानाय सलिले ब्रह्मण्यायाजिताय च।
विश्र्वात्मने विश्र्वसृजे विश्र्वमावृत्य तिष्टते॥6॥
नमो नमस्ते सत्याय भूतानां प्रभवे नमः।
पंचवक्त्राय शर्वाय शंकाराय शिवाय च॥7॥
नमोस्तु वाचस्पतये प्रजानां पतये नमः।
नमो विश्र्वस्य पतये महतां पतये नमः॥8॥
नमः सहस्त्र शीर्षाय सहस्त्र भुज मन्यथे।
सहस्त्र नेत्र पादाय नमो संख्येय कर्मणे॥9॥
नमो हिरण्य वर्णाय हिरण्य क्वचाय च।
भक्तानुकंपिने नित्यं सिध्यतां नो वरः प्रभो॥10॥
एवं स्तुत्वा महादेवं वासुदेवः सहार्जुनः।
प्रसादयामास भवं तदा शस्त्रोप लब्धये॥11॥
॥ इति शुभम्॥
Laghu-Rudrabhishek पूजा शुरू करने से पहले तांबे के एक पात्र में शुध्द जल, गाय का दूध, अरवा चावल, हरा दुर्वा, बिल्व पत्र, शमी पत्र, सफेद तिल, काला तिल, शहद, गुड, घी, जूही के पुष्प, चमेली के पुष्प, कनेर के पुष्प, अलसी के पुष्प, आंकड़े के पुष्प, भांग, धतूरा, मिलाकर शिवलिंग उपर धृतधारा चालु रखके उपरोक्त लघुरुद्राभिषेक (Laghu-Rudrabhishek) स्तोत्रम् का पठन ग्यारह बार श्रध्धापूर्वक करने से जीवन में आयी हुई और आनेवाली सभी कष्टों से, असाध्य रोगों से , शत्रुओं से छुटकारा मिलता है और घर में सुख, शांति तथा समृद्धि प्राप्त होती है। Laghu-Rudrabhishek करने के कई और फायदे है| एक बार (Laghu-Rudrabhishek) जरूर करें.
टिप्पणियां
टिप्पणी पोस्ट करें
Do not enter any spam link.