वास्तुशास्त्र, तथा राशि के अनुसार कौन सा पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए |
वास्तुशास्त्र के अनुसार पौधे और वृक्ष कहाँ और किस दिशा में लगाना चाहिए |

1. तुलसी और केले के पेड़ को ईशान या उत्तर में लगाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
2. घर के पूर्व में बरगद, पश्चिम में पीपल, उत्तर में पाकड़ और दक्षिण में गूलर का वृक्ष शुभ होता है किंतु ये घर की सीमा में नहीं होना चाहिए।
3. घर के उत्तर एवं पूर्व क्षेत्र में कम ऊंचाई के पौधे लगाने चाहिए। पौधारोपण उत्तरा,स्वाति, हस्त, रोहिणी एवं मूल नक्षत्रों में करना चाहिए। ऐसा करने पर रोपण निष्फल नहीं होता।
7. जिस व्यक्ति को उत्तम संतान एवं सुख देने वाले पुत्र की कामना हो, उसे पलाश का पेड़ लगाना चाहिए।
8. जिस व्यक्ति को संकटों से मुक्ति पाना और निरोगी रहना हो उसे घर के दक्षिण में नीम का वृक्ष लगाना चाहिए।

9. जिस व्यक्ति को राहु के दोष दूर करना हो उसे चंदर का वृक्ष लगाना चाहिए।
10. जिस व्यक्ति को शनि से संबंधित बाधा दूर करना हो उसे शमी का वृक्ष लगाना चाहिए।
11. उत्तर दिशा में पीपल, ईशान कोण में लटजीरा, पूर्व में गूलर, आग्नेय कोण में ढाक या पलाश, दक्षिण में खैर लगाया जाता है।

12. अनार का पौधा घर में लगाने से कर्जे से मुक्ति मिलती है।
13. हल्दी का पौधा लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा नहीं रहती।

14. नीले फूल वाली कृष्णकांता की बेल से आर्थिक समस्याएं खत्म होती हैं।
15. नारियल के पेड़ से मान-सम्मान में खूब वृद्धि होती है।



16. अशोक का वृक्ष लगाने से घर के बच्चों की बुद्धि तेज होती है।
17. तुलसी, आंवला और बहेड़ा का पौधा घर में लगाने से बीमारी नहीं आती है।

18. गेंदा लगाने से बृहस्पति मजबूत होता है और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
19. बांस का पेड़ लगाने से तरक्की होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। निगेटिव एनर्जी भी दूर होती है।
20. गुड़हल का पौधा लगाने से कानून संबंधी सभी काम पूरे हो जाते हैं।
21. बेलपत्र का पौधा लगाने से पीढ़ी दर पीढ़ी लक्ष्मी जी का वास बना रहता है।

22. घर की पूर्व दिशा में गुलाब, चंपा, चमेली, बेला, दुर्वा, तुलसी आदि के पौधे लगाने चाहिएं। इससे शत्रुनाश, धनसंपदा की वृद्धि व संतति सुख प्राप्त होता है।
सूर्य- मदार, तेज फल का वृक्ष। इनसे बौद्धिक प्रगति, स्मृति शक्ति का विकास होता है।
चंद्र- दूध वाले पौधे, वृक्ष, पलाश। इनसे मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
मंगल- नीम और खैर का वृक्ष। इनसे रक्त विकार तथा चर्म रोग ठीक होते हैं। प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
बुध- चौड़े पत्ते वाले पेड़ पौधे और लटजीरा और अपामार्ग या आंधी झाड़ा का पौधा। इसके स्नान से वायव्य बाधा का शमन व मानसिक संतुलन बना रहता है।
गुरु- पीपल का वृक्ष। इससे पितृदोष शमन, ज्ञान वृद्धि तथा भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
शुक्र- बेल जैसे मनीप्लांट, अमरबेल और गूलर। गूलर पूजना से पूर्व जन्म के दोषों का नाश होता है।
शनि- कीकर, आम, खजूर और शमी। शमी पूजन से धन, बुद्धि, कार्य में प्रगति, मनोवांछित फल की प्राप्ति तथा बाधाएं दूर होती हैं।
राहु- चंदन, दूर्बा, कैक्टस, बबूल का पेड़ और कांटेदार झाड़ियां। चंदन की पूजन से राहु पीड़ा से मुक्ति तथा सर्प दंश भय समाप्त होता है।
केतु- कुशा, अश्वगंधा, इमली का वृक्ष, तिल के पौधे या केले का वृक्ष। अश्वगंधा के होने से मानसिक विकलता दूर होती है।
जड़- सूर्य बेलमूल की जड़ में, चंद्र खिरनी की जड़ में, मंगल अनंतमूल की जड़ में, बुध विधारा मूल की जड़ में, गुरु हल्दी की गांठ वह जड़ में, शुक्र अरंडमूल की जड़ में, शनि धतूरे की जड़ में, राहु सफेद चंदन की जड़ में, केतु अश्वगंधा की जड़ में निवास करता है।
नोट- सूर्य के साथ शनि, राहु और केतु के, चंद्र के साथ शनि, राहु के, मंगल के साथ शुक्र व शनि के, बुध के साथ केतु और गुरु के, गुरु के साथ केतु, शुक्र और बुध के, शुक्र के साथ केतु और बुध के, शनि के साथ चंद्र, मंगल और सूर्य के, राहु के साथ केतु, सूर्य व चंद्र के, केतु के साथ राहु, गुरु, चंद्र, मंगल, सूर्य के पेड़ पौधे ना लगाएं वर्ना होगा नुकसान।

27 नक्षत्रों के वृक्ष- अश्विनी के लिए कोचिला, भरणी के लिए आंवला, कृतिका के लिए गुलहड़, रोहिणी के लिए जामुन, मृगशिरा के लिए खैर, आर्द्रा के लिए शीशम, पुनर्वसु के लिए बांस, पुष्य के लिए पीपल, अश्लेषा के लिए नागकेसर, मघा के लिए बट, पूर्वा के लिए पलाश, उत्तरा के लिए पाकड़, हस्त के लिए रीठा, चित्रा के लिए बेल, स्वाती के लिए अर्जुन, विशाखा के लिए कटैया, अनुराधा के लिए भालसरी, ज्येष्ठा के लिए चीर, मूल के लिए शाल, पूर्वाषाढ़ के लिए अशोक, उत्तराषाढ़ के लिए कटहल, श्रवण के लिए अकौन, धनिष्ठा के लिए शमी, शतभिषा के लिए कदम्ब, पूर्वाभाद्रपद के लिए आम, उत्तराभाद्रपद के लिए नीम और रेवती नक्षत्र के लिए उपयुक्त फल देने वाला महुआ पेड़ उत्तम बताया गया है।
मेष और वृश्चिक - अनार का पेड़ लगाएं।
वृषभ और तुला राशि- नारियल, आम और पपीते के पेड़ लगाएं।
कर्क राशि- शरीफा, रसभरी या खिरनी के पेड़-पौधे लगाएं।
सिंह राशि- बेल का वृक्ष लगाएं।
कन्या और मिथुन राशि- संतरा, नींबू और मौसंबी के पेड़ लगाएं।
धनु या मीन राशि- केले या बरगद का पेड़ लगाएं।
मकर या कुंभ राशि- पीपल, चूकी या नीम का पेड़, काले अंगूर की बेल लगाएं।
नोट- उक्त ग्रह अच्छे हैं तो पेड़ लगाकर उसके फलों या औषधि का लाभ लें और यदि ग्रह खराब हैं तो दान करें। लेकिन ध्यान रखें कि पेड़ किस दिशा में किस नक्षत्र में लगाना चाहिए यह जरूर जान लें।
धन्यवाद
Nice
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